उसकी मेहनतकश बाजुओं के आगे, तूफान के हौसले भी हताश हैं। उसकी मेहनतकश बाजुओं के आगे, तूफान के हौसले भी हताश हैं।
हर मुश्किल के हैं सुझाव बहुत, आत्मीय स्पर्श बस मिलता नहीं। हर मुश्किल के हैं सुझाव बहुत, आत्मीय स्पर्श बस मिलता नहीं।
छोड़ दीजिये आवारगी आवारगी में क्या रखा है। छोड़ दीजिये आवारगी आवारगी में क्या रखा है।
है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये समाज को गढ़ना है ! है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये ...
बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत . बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत .
लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख। लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख।